क्या आपने Sony Liv की web series "Scam 1992:The Harshad Mehta Story" देखी है या आप देखने का मन बना रहे है तो आपके मन में कुछ सवाल जरूर आये होगें:-
* जिस किरदार के ऊपर यह Web series Scam 1992 बनी है वो कौन है ?
* आखिर ये 1992 का scam था क्या,जिसके इर्द गिर्द ये कहानी घूमती है।
* आखिर ये हर्षद मेहता कौन था?
इन्ही सवालों के जवाब देगा आपको यह आर्टिकल तो अंत तक जरूर पढ़े। चलिए जानते है इन सवालों के जवाब-
हर्षद मेहता कौन था ?
नब्बे के दशक में एक छोटे से कारोबारी और शेयर मार्किट ब्रोकर ने पूरा देश हिला ये शक़श था हर्षद मेहता जिन पर हालही में एक web series "Scam 1992:The Harshad Mehta Story "Sony liv के OTT platform पर stream की गयी। तो सवाल ये है इतने छोटे से कारोबारी और शेयर ब्रोकर ने आखिर ऐसा क्या किया जिसने पूरे देश के होश उडा दिए।
हर्षद मेहता का जन्म 29 जुलाई 1954 को गुजरात के राजकोट जिले में हुआ। हर्षद के पिता एक छोटे-मोटे कपडा व्यापारी थे। कारोबार न चलने के कारण उनका परिवार रायपुर,मध्यप्रदेश (अब छत्तीसगढ़) आ गए। वही उनकी पढाई लिखाई हुई।
हर्षद पढ़ने में औसत था और आगे चलकर उसने कॉमर्स में ग्रेजुएशन की इसके बाद उन्हें छोटी मोटी नौकरियाँ की। हर्षद का मन हमेशा से गणित में लगता था और आगे चलकर उनका रुझान शेयर मार्केट में होने लगा।
हर्षद ने पहली नौकरी न्यू इंडिया इन्सुरेंश कंपनी में बतौर सेल्सपर्सन की ,अपने शेयर मार्केट में रुझान और नौकरी छोड़ कर हरिजीवनदास
नेमीदास सिक्योरिटीज नाम की ब्रोक्रेज फर्म में बतौर जॉबर नौकरी ज्वॉइन कर ली और
प्रसन्न परिजीवनदास को अपना गुरु मान लिया और उनसे शेयर मार्केट के हर पैतरे सीखे।
इसके बाद साल 1984 में खुद की "ग्रो मोर रीसर्स एंड असेट
मैनेजमेंट" नाम से कंपनी शुरू की बॉम्बे स्टॉक
एक्सचेंज में बतौर ब्रोकर मेंबरशिप ली।यँही से शुरू हुआ स्टॉक मार्केट के बादशाह हर्षद मेहता का सफर।
आगे चलकर स्टॉक मार्केट के इस बादशाह को स्टॉक मार्केट
अमिताभ अमिताभ बच्न औऱ रेजिंग बुल कहा जाने लगा।मेहता को उस पारस पत्थर की संज्ञा दी गयी जो किसी शेयर को छुए वो सोना बन जाता था।
क्या था हर्षद मेहता घोटाला :-
हर्षद मेहता धीरे धीरे बड़ी हस्ती बनते जा रहे थे,बडे बड़े इन्वेस्टर की उनकी कंपनी में निवेश करने लगे। 1990 आते आते उनका नाम हर बड़े अख़बार और मैग्जीन के कवर पेज में आने लगा।
स्टॉक मार्केट में हर्षद मेहता का नाम बड़ी इज्जत से लिया जाता था,मेहता के अपने 1550 स्कॉवर फीट के सी
फेसिंग पेंट हाउस से लेकर उनकी मंहगी गाड़ियों के शौक ने एक सेलिब्रिटी बना दिया।
ऐसा पहली बार हुआ था एक छोटा ब्रोकर इतना बड़ा इन्वेस्टमेंट कर रहा है और इस सब से करोडो रूपए कमा रहा। धीरे धीरे मेहता के अच्छे दिन कब हवा हुए पता नहीं चला।मेहता की दिन दुनि रात चौगुनी तरक्की ने एक सवाल खडा किया की आखिर मेहता इतना पैसा कहाँ से लाता है?
मामले की खोजबीन शुरू हुई और 1992 में टाइम्स ऑफ़ इंडिया की सुचेता दलाल ने पर्दाफाश किया।सुचेता ने बताया की मेहता बैंकिंग सिस्टम की कमियों को बखूबी जानता था और इसका फायदा उठा कर वो बैंक से 15 दिन के लिए कर्ज(लोन) लेता और उस पैसे को शेयर मार्केट में लगा देता था। शेयर मार्केट में उछाल आने के बाद मुनाफे के साथ बैंक को पैसे लौटा दिया करता था।
मेहता ने बैंक ऑफ कराड और मेट्रोपोलिटन को-ऑपरेटिव बैंक में अपनी पहचान के चलते फर्जी रसीद बनवाता था,जिससे लोन लेने में आसानी होती थी और इस लोन से मिले पैसे को वो शेयर मार्केट में लगा देता था,और मुनाफा कमाता था।
इस सब का खुलासा तब हुआ जब शेयर मार्केट में भारी गिरावट आयी और मेहता 15 दिनों के अंदर पैसे बैंक को नहीं लौटा पाया और इससे उसकी पोल खुल गयी। इन घोटालो के खुलासे के बाद मेहता पर 70 क्रिमिनल चार्ज और करीब 600 सिविल केस लगाये गए,हालांकि केवल एक केस के खिलाफ ही सबूत मिल सके।
इन सब मामलो पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उसको दोषी पाया और उसे 5 साल की जेल और उसपर 25 हज़ार रूपए का जुर्माना लगाया।
मेहता को थाणे जेल में रखा गया, 31 दिसंबर 2001 को जेल में सजा काट रहे मेहता ने सीने में दर्द की शिकायत की,इसके बाद ठाणे के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहाँ मेहता की मौत हो गयी।
हर्षत मेहता की जिंदगी पर बनी Scam 1992:-
हर्षद मेहता की जिंदगी पर एक Webseries बनी है "Scam 1992-The Harshad mehta story जिसे sony liv पर stream किया जा रहा है। यह अभी तक लोगो द्वारा काफी सराही जा रही है।
IMDB पर इसे 9.2 की रेटिंग दी गयी है। इस webseries का निर्देशन हंसल मेहता ने किया है।इस वेब सीरीज में को दस एपिसोड्स में बनाया गया है और इसकी पठकथा देबाशीष बसु और सुचेता दलाल की बुक "the scam" पर आधारित है।
बहुत अच्छी जाधकारी
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